नई दिल्ली। सरकार इस साल दिसंबर में 7वें वेतन आयोग की रिपोर्ट जारी करेगी। वहीं गोल्ड बांड और गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम नवंबर में लॉन्च की जाएगी। सरकार ने चालू फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी से अधिक रहने और फिस्कल डेफिसिट को 3.9 फीसदी रहने का भरोसा जताया है। वित्त मंत्रालय के सचिवों ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कंप्लायंस विंडो के जरिए ब्लैकमनी डिक्लरेशन का संशोधित आंकड़ा 4,147 करोड़ रुपए हो गया है।
7वें वेतन आयोग रिपोर्ट: बजट पर दिखेगा असर
वित्त सचिव रतन वट्टल ने बताया कि वित्त वर्ष 2015-16 के लिए प्लान खर्च का लक्ष्य वास्तविक है। सातवें वेतन की रिपोर्ट इस साल दिसंबर तक आएगी। उन्होंने कहा कि वेतन आयोग की सिफारिशें का असर 2016-17 के बजट में देखा जाएगा। वित्त सचिव ने कहा कि जीडीपी के अनुपात में सब्सिडी नीचे आना अच्छी खबर है। फूड सब्सिडी के लिए डायरेक्ट ट्रांसफर स्कीम लागू करने की कोशिश कर रहे हैं। केरोसिन पर हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए सरकार की तरफ से कोशिश की जा रही है।
ब्लैकमनी विंडो के लिए नहीं था कोई टारगेट
रेवेन्यू सेक्रेट्री हसमुख अढिया ने बताया कि सरकार ने ब्लैकमनी विंडो के लिए कोई टारगेट नहीं रखा। उन्होंने कहा कि 90 दिन की कंप्लायंस विंडो के जरिए मिली संशोधित रकम 4147 करोड़ रुपए हो गई है। शुरुआती आंकड़ा 3770 करोड़ रुपए का था। वहीं, भारतीयों के एचएसबीसी फॉरेन अकाउंट मामले में 132 मुकदमे दर्ज हुए हैं। अमेरिका पहले से ही सरकार के साथ बैंक अकाउंट की डिटेल साझा कर रहा है। ब्लैकमनी का खुलासा करने के लिए सरकार ने 1 जुलाई 2015 से 30 सितंबर 2015 तक एक कंप्लायंस विंडो खोली थी।
स्वच्छ भारत सेस पर अभी फैसला नहीं
हसमुख अढिया ने बताया कि स्वच्छ भारत सेस लगाने पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। सितंबर में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 12 फीसदी और इनडायरेक्ट टैक्स 12.2 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि फाइनेंशियल ईयर 2015-16 में 14 लाख करोड़ रुपए टैक्स कलेक्शन की उम्मींद है। जबकि बजटीय लक्ष्य 14.45 लाख करोड़ रुपए है। इनडायरेक्टस टैक्स की ग्रोथ से यह साफ है कि मार्केट में डिमांड बढ़ी है। वहीं इस साल डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कुछ गिरावट आ सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ रेट संतोषजनक है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों को ही आगे फैसला करना है। इसमें सरकार कोई दखल नहीं देगी। इस माह के अंत तक एक्संपर्ट पैनल बैंकरप्टीक ला पर अपनी रिपोर्ट सौंप देगा। स्माील सेविंग्सक पर इंटरेस्टद रेट के मामले में अभी काम जारी है। मोनेटरी पॉलिसी पैनल पर सरकार जल्दर फैसला लेगी। पब्लिक डेट मैनेजमेंट पर मंत्रालयों की तरफ से इस माह कमेंट आ सकते हैं। उन्हों ने बताया कि जल्दर ही कुछ आरईआईटीएस काम करना शुरू कर देंगे।
Courtesy- दैनिक भास्कर
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