- सभी केन्द्रीय कर्मचारियों को 6 प्रतिशत बढोत्तरी का लाभ 1 जुलाई 2015 से मिलेगा
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के कर्मचारियों का 1 जुलाई 2015 से बकाया महंगाई भत्ता पर सरकार के आदेश का इंतजार है। केंद्र सरकार कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि वर्ष में दो बार यानि 1 जनवरी तथा 1 जुलाई से करती है। सरकार द्वारा आखिरी बढोत्तरी 1 जनवरी से की गई थी जिसकी घोषणा अप्रैल में हुई थी। उस समय महंगाई भत्ता 107 प्रतिशत से बढाकर 113 प्रतिशत किया गया था। अब 1 जुलाई से महंगाई भत्ता में बढोत्तरी देय है जो 6 प्रतिशत लगभग तय है। परंतु इसकी घोषणा कब सरकार द्वारा की जाएगी इसका इंतजार सभी केंद्रीय कर्मचारियों को है। सामान्य तौर पर जुलाई से बढाये जाने वाले महंगाई भत्ता की घोषणा सरकार सितंबर माह दौरान करती है। इसी को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि सितंबर के दूसरे अथवा तीसरे सप्ताह में होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा और घोषणा की जाएगी। 6 प्रतिशत की बढोत्तरी के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के मूल वेतन पर महंगाई भत्ता कुल 119 प्रतिशत हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2015 के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक की घोषणा जनवरी 2016 की आखिरी तारीख को होगी। जिसके आधार पर 1 जनवरी 2016 से मिलने वाले महंगाई भत्ता पर कितने प्रतिशत की बढोत्तरी होगी यह साफ होगा। इस पर जब कैबिनेट संभवत: मार्च अथवा अप्रैल 2016 में लेगी यदि तब तक सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर फैसला नहीं लिया गया हो। छठवें वेतन आयोग अंतर्गत 1 जनवरी 2016 से महंगाई भत्ते पर घोषित होने वाली यह संभावित आखिरी किश्त होगी। गौरतलब है कि हाल ही में सातवें वेतन आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपने के लिए आयोग ने सरकार से 4 महीने की मोहलत मांगी थी तथा रिपोर्ट 31 दिसंबर 2015 तक सौंपने की अनुमति मांगी थी। जिस पर सरकार ने मोहर लगाते हुए उनकी यह गुजारिश मंजूर की थी। संभवत: सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर 2015 के आसपास सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। जिसके बाद इस पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय तथा कैबिनेट द्वारा सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए विचार किया जाएगा और फैसला लिया जाएगा। इसके लिए सरकार को कम से कम 3 से 4 महीने का समय लगने की संभावना है। जिसके बाद ही आयोग की सिफारिशों पर अमल किया जाएगा। इसका मतलब है कि सातवें वेतन आयोग के वेतनमान अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों को अप्रैल 2016 के बाद ही मिल सकते है। जिसमें 1 जनवरी 2016 से मिलने वाला बकाया भी शामिल होगा।
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